Lord ganesha stories for kids hindi
एक छोटा सा गांव था वहा पे
एक चींकी और मींकी रहते थे । वो दोनो अपनी दादीमां के साथ रहते थे । बाजार मे
चींकी और मींकी ने देखा गणेशजी की मुर्ती को वो दोनो को भी इशा हो गई हमे भी गणेशजी
की मुर्ती को घर मे स्थापीत करना चाहीये ।
चींकी और मींकी घर जाके
दादीमां को कहते है हमे भी गणेशजी की मुर्ती को स्थापीत करना है । दादी मां ने कहा
बेटा मेरे पास इतने पैसे नही है । हमारे गांव मे गणेशजी की मुर्ती स्थापीत हो रही
है हमे कोई जरुरत नही है घर मे स्थापित करने की ।
चींकी और मींकी दादी मां की
कोई बात मान नही रही थी । दादी मां ने चींकी और मींकी की जिद देखते हुवे । जमीनदार
के पास पैसे उधार मांगने के लीये गई लेकीन जमीनदार ने पैसे उधार नही दीये । दादी
मां खाली हाथ घर आते हुवे देखते चींकी और मींकी रोने लगे ।
दादीमां ने सोचा मे बचपन मे
मिट्टी की मुर्ती बनाया करती थी आज मे बनाने की कोशिश करती हु । दादी मां ने थोडी
मिट्टी लीया और थोडा पानी लीया । देखते ही देखते कुच ही समय मे गणेशजी की मुर्ती
बन गई । उस के बाद दादी मां ने मूर्ती को धुप मे सुकाने को रखा और मोडक बनाने के
लीये लग गई ।
थोदी देर के बाद मोडक बन गये और मुर्ती भी सुक गई थी दादी
मां ने उस मुर्ती को कलर कर दीया । उस के बाद कलर को सुकने के लीये मुर्ती को धुप
मे रखा और गणेशजी की स्थापना करने के लीये स्टेज सजाने लगी
। उस मे टोरन लगाये और कलरींग लाईट रखी । सब कुच हो जाने के बाद दादी मां चींकी और मींकी हो आवाज लगाती है।
चींकी और मींकी बहार आवो ये
देखो । चींकी और मींकी दादी मां को कहा हमे बहार नही आना है हम आपसे नाराज है ।
दादी मां ने कहा चींकी और मींकी आप दोनो को गणेशजी बुला रहे है । दादी मां की यह
बात सुंके चींकी और मींकी भाग्ते हुवे बाहार आये । गणेशजी की मुर्ती देखते हुवे
नाचने लगे ।
चींकी ने दादी मां को कहा
आप के पास पैसे नही थे आप कहा से लाई । दादी मां ने कहा मेने ये मुर्ती खुद बनाई
है । मींकी ने कहा ये Eco friendly
ganesha मुर्ती
है । दादी मां ने कहा जी हा । मेंने ये मुर्ती मिट्टी से बनाई है । मे अकसर बचपन
मे मिट्टी से खिलोने बनाया करती थी । चींकी और मींकी ने दादी मां से कहा हमे भी
मिट्टी से खिलोने बनाना सिखा दीजीये ।
दादीमां ने कहा ठीक है मे
सिखा दुंगी आपको । चलो अभी गणेशजी की स्थापना करनी है । मुरत हो गया है ।
चींकी और मींकी दादी मां के
साथ खुशी खुशी गणेशजी की मुर्ती की स्थापना करते है । चींकी बोलती है गनपती बापा
मोरीया । मींकी बोलती है एक दो तीन चार गनपती की जई जई कर ।
Story of ganesha in hindi
एक गांव मे चींकी उस की मां
के साथ रहती थी । मां अकसर बिमार रहा करती थी । चींकी अपनी मां की सेवा करती रहती
थी । बहार चींकी ने देखा सभी लोग गणेशजी की मुर्ती ले जा रहे है । चींकी को भी इशा
हुवी गणेशजी की मुर्ती को स्थापना करने के लीये ।
चींकी अपनी मां को कहती है
मां मुझे भी गणेशजी की मुर्ती स्थापना करनी है । मां ने चींकी को कहा बेटा मे चल
नही सकती हु कोन ये सब काम करेगा । चींकी उदास हो गई मां ने कहा पास मे गणेशजी की
स्थापना हुवी है वह पे तुम्ह जा आना । चींकी खुश हो गई और मां को कहा मे गणेशजी से
आपके चलने फिरने की दुवा मांगुगी ।
चींकी अब हर रोज गणेशजी की
मूर्ती की पुजा अर्चना करने के लीये जाया करती थी । एक दीन पुजारी ने चींकी को पुछा
बेटा अब तुम्हारी मां का पैर कैसा है । चींकी ने कहा मां चल नही पाती है । मे हर
दीन गणेशजी से कहती हु मां अच्छी हो जाये गुमने फीरने लगे । पुजारी ने कहा तुम्ह
इसी तरहा गणेशजी की सेवा करो एक ना एक दीन तुम्हारी बात जरुर सुनेगे ।
चींकी सच्चे मंनसे गणेशजी
की पुजा करती है । अब गणेशजी का आखरी दीन था गणेशजी आ जाने वाले थे । चींकी बहुत
उदाश हो गई थी । चींकी मां को कहने लगी मां आज गणेशजी चले जाने वाले है अब मे क्या
करु किसे कहु मे । तब मां ने कहा बेटा तुम्ह आखरी बार गणेशजी को मिलके आवो । गणेशजी
को धामधुम से विसर्जित करके आवो ।
चींकी गणेशजी के पास जाती
है और कहती है गणेशजी मेने हर दीन आपकी सेवा कीया है आपने मेरी क्यु बात नही सुनी
। तब गणेशजी चींकी के सामने आते है और कहते है मे आपकी सेवा देख रहा था घर मे मां
की सेवा करती हो और बहार मेरी सेवा करती हो । मे तुम्हारी सेवा देखते हुवे बहुत
पसंद हुवा हु । चींकी ने कहा तो क्यु आपने मेरी मां को थीक नही कीया । गणेशजी ने
आसिरवाद दीया तुम्हारी हर इशा पूरी होगी ।
चींकी ने कहा मूझे आपसे फिर
कभी मिलना होगा तो मे क्या करु । तब गणेशजी ने कहा तुम्ह मुझे सच्चे मंनने आवाज
लगाना मे आपके पास रहता हु ।
चींकी ने गणेशजी को खुशी
खुशी विसजीत करके आयी । घर जाके देखती है घर एक बडासा बन गया था घर के बाहर मां
चींकी की राह देख रही थी ।
दोस्तो सच्चे मंन से जो भी मनोकामनाये
मागो ये गणेशजी जरुर पुरी करते है।
Ganesha story in hindi
मिंकी एक दीन घर का सामान लेनेके
लीये बजार जा रही थी । उसे रास्ते मे एक बिल्ली का बच्चा नाले मे गीर पडा हुवा मिला।
मिंकी तुरंत बिल्ली के बच्चे को नाले से बाहर निकाला । मिंकी को बहुत अच्छा लगा बिल्ली
का बच्चा खुशी खुशी अपनी मां के पास चला गया ।
मिंकी आगे चलती गई और उसे रास्ते
मे एक दादी मां मिली । मिंकी दादी मां को पूछती है आपको कहा जाना है दादी मां ने कहा
मुझे पास के मंदीर मे जाना है लेकीन मे रास्ता भुल गई हु । मिंकी ने तुरंत दादी मां
का हाथ पकड के मंदीर मे छोड के आयी ।
आब वो अपना सामान लेने के लीये
दुकान मे गई सामान लेने के बाद मिंकी की नजर एक चूहे पे पडती है । चूहा एक पिंजरे मे
बंध पडा हुवा था । मिंकी ने उसे छुडा ने के लीये
गई लेकीन दुकान के मालिक ने उसे छुडा ने के लीये मना कर दीया । मिंकी को चूहा पिंजरे
मे बंध पडा हुवा दिखा ना गया इस लीये मिंकी दुकान के मालीक ना देखे इस तरहा चुहा को
पिजरे से बहार निकाल दीया ।
मिंकी अब घर जा रही थी चलते
चलते रास्ते मे मिंकी को गणेशजी मिल गये । मिंकी गणेशजी को देखते हुवे खुश हो गई ।
गणेशजी ने मिंकी को कहा तुम्हारी दुसरे के प्रती मदद भाव देखते हुवे मुझे बहुत अच्छा
लगा है ।
बोलो तुम्हे क्या चाहीये । मिंकी
ने गणेशजी को कहा आप मेरे दोस्त बनेगे । ग़णेशजी ने कहा जी हा मे तुम्हारा दोस्त बनुगा
। मिंकी ने कहा आपको मेरे साथ खेल ने के लीये आना पडेगा
। गणेशजी ने कहा ठीक है । गणेशजी ने मिंकी को बहुत सारी चोकलेट दीया ।
सच्चे मंन से हम किसी की मदद
करते है तो हमारी बात जरुर सुनते है गणेशजी ।