मेहनत करने की कहानी ॥ short story on hard work with moral in hindi

दोस्तो आज इस पोस्ट मे हम hard work story बताने वाले है। मुझे यकीन है हार्ड वर्क की कहानी आप्को पसंद आयेगी।

 

Short story on hard work with moral in Hindi

 

एक रामु चाचा था वो अपने गाँव मे सब्जीया और फल बेचता था। और साम के समय पास के गाँव मे भोले राम के बगीचों मे काम करता था। रामु चाचा बहुत मेहनत करते थे दिन रात बगीचों मे काम करते थे। 

एक दीन रामु चाचा ने सोचा काश ये बगीचा मेरा होता। लेकिन रामु चाचा के पास इतने पैसे नही थे। रामु चाचा बहुत मेहनत करते थे। सुबह गाँव गाँव जाके सब्जीया बेचता था और बगीचों मे काम खत्म हो जाने के बाद बोले राम के घर साफ सफाई मे लग जाता था। 

एक दिन वहा पे एक आदमी आया वो पूछता है भोले राम घर पे है। मे मिलना चाहता हु। रामु चाचा ने उस आदमी से कहा मे अभी बुलाके लाता हु अप यही बैठो। 

रामु चाचा अपने मालिक भोले राम को बुलाके लाते है। और उस आदमीं ने भोले राम से कहा मे आपका बगीचा खरीद ना चाहता हु। भोले राम ने कहा 500rs मे बेचु गा। उस आदमीं ने थोड़े पैसे कम करने को कहा लेकिन भोले राम ने नही किये। 

रामु चाचा घर जाके सोच ने लगा क्यु ना ये बगीचा मे खरीद लु। लेकिन मेरे पास इतना पैसा नही है। लेकिन रामु चाचा ने सुबह होतेही भोले  राम से बात करने के लिये गया। रामु चाचा ने भोले राम को कहा मे ये बगीचा खरीद ना चाहता हु। लेकिन मेरे पास इतने पैसे नही है। 

बोले राम ने कहा मे कुच दिन के बाद मे अपने बेटे के पास चाला जावु गा। तुमने  इस बगीचों मे बहुत काम किया है इस लिये मे तुम्हे 300rs मे दे दूंगा। रामु चाचा ने कहा मेरे पास अभी 200rs है आपको मे कुच दिन के बाद 50 -50 करके दे दूंगा। 

अब रामु चाचा दिन रात मेहनत करते है। सुबह सब्जीया बेच ने के लिये जल्द से जल्द चाला जाता है। और शाम के समय बगीचों मे काम करता है। 

रामु चाचा बहुत हार्ड वर्क करने लगे। कुच ही दिन मे रामु चाचा ने भोले राम को पैसे लौटा दिये। और बगीचा अपने नाम कर लिया। रामु चाचा का बरसो का सपना पुरा हवा। 

मोरल : अपनी मेहनत एक दिन हमे सफल बनाती है।

Hard Work Story

 

 

एक गाँव मे एक छोटा सा परिवार था। चिंकी और पिंकी स्कूल अक्सर साथ जाते थे। चिंकी पाठई लिखाइ मे होशियार थी। पिंकी खेल कूद मे ज्यादा ध्यान देती है।  चिंकी अक्सर पिंकी को कहा करती है अपना होम वर्क खतम करदो लेकिन पिंकी सब कल कर दूंगी अभी मुझे खेलना है। इस तरहा हर कोई काम कल पे ताल देती है। 
पापा पिंकी को बहुत समजाते है अपनी बहेन को देखो दिन रात पठाई लीखाई करती है और खेलने के समय खेल लेती है । और कुच समय के बाद तुम्हारी परीक्षा आरही है। तुम्ह हर दिन खेला करते है तो पठाई लीखाई कब करोगे। तब पिंकी ने कहा मे कल कर लुंगी अभी तो बहुत समय है। 
अभी मे खेलने के लिये जा रही हु। खेल खेल मे पता नही चला यु ही साम हो गया। और पिंकी पठाई करने के लिये बैठी और घर की बीजली चली गई। पिंकी बहुत रोने लगी। तब पापा ने कहा देखा ने जब मे तुम्हे पठाई करने के लिये कहता था तब तुम्ह पठाई नही करती थी। तब तुम्ह ने पठाई कर लिया होता तो आज तुम्हे रोना नही आता। 

 

चिंकी ने पिंकी को कहा मे तुम्हे अच्छी तरहा से समझ देती हु मेने सारे पाठ पठ लिये है। दूसरे दिन दोनो स्कूल मे अच्छी तरहा से परीक्षा दिया। 

 

Moral : समय सर मेहनत करने से सफल होते है। 

Motivational stories for students to work hard in hindi

एक गाँव मे स्कूल था वहा पे राजू और मोनू पठने के लिए आते थे। वो दोनो पक्के दोस्त थे। स्कूल मे पानी नही आने के कारण स्कूल कुच दिनों तक बंध करनी पड़ी। राजू और मोनू घर बैठ के बोर से होने लगे। 
दोनो अब स्कूल के टीचर के पास गये और स्कूल कब तक चालू होगा इस के बारे मे बात करने लगे। टीचर ने कहा जब तक पानी स्कूल मे ना आये तब तक हमे स्कूल बंध रखनी होगी। अप दोनो घर बैठ के पठाई करो। 
राजू और मोनू ने सोचा अपने गाँव मे कोई तालाब नही है और कोई कुवा भी नही हमे पास के गाँव मे से पानी लाना होता है तो क्यु ना हम पानी को हमारे गाँव तक लाने का इस्तेजाम करे। मोनू कहता है हम दोनो तो अभी तो बहुत छोटे है हम कैसे पानी अपने गाँव मे ला सकते है। 
राजू ने कहा हमारे स्कूल के सभी लड़के को हम बुलायेगे और अपने गाँव तक पानी लाने के लिये किनारा बनायेगे। पहले तो हमे अपने गाँव मे सभी को यह काम के लिये कहना होगा। 
दोनो दोस्त ने गाँव मे सभी को कहा लेकिन सभी ने उन दोनो को पठने को कह दिया। अब उन दोनो ने स्कूल के कुच लड़के के साथ मिलके अपना काम करने को सोचा। 
पास के गाँव के तालाव से वो लोग खुदाई करने लगे। पहले दिन तो सभी ने अच्छी तरहा से काम किया। अब जैसे जैसे दिन होने लगे ऐसे ऐसे करते सभी लोग राजू और मोनू को छोड़ के चले गये। अब दोनो दोस्त वो खुदाई का काम करने लगे सभी लोग उन दोनो पे हँसने लगे। 
अब मोनू ने भी राजू का साथ छोड़ दिया। राजू अब परेशान होने लगा। राजू ने अपनी माँ को सारी बात बताई माँ ने राजू को होशला बढ़ाया । तुम्हे जीवन मे कमियाब होना है तो तुम्हे अकेले मेहनत करनी होगी। 
अब केवल राजू काम करता रहा हर दिन वो खुदाई करता है उस खुदाई करते करते काफी समय निकल गया और आखिर मे वो अपने गाँव मे पानी लाने मे कामियाब हो गया। अब गाँव मे जगह जगह पानी जाने लगा। 
स्कूल भी चालू हो गया। सभी गाँव वाले ने राजू की बहुत बहुत वाह वाह किया। यह सब देखते हुवे मोनू को अपनी गलती पे सर्मिंदा होने लगा। 
गाँव वाले केवल हार्ड वर्क करते थे सुबह उठ के पानी लाने का काम और राजू ने अपने दिमाग से सारे गाँव की समस्या हटा दिया। 

 

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