शिक्षक और छात्र की कहानी || short moral stories for teachers in hindi

दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है Short moral stories for teachers in Hindi के बारे मे हमे यकिन है heart touching short stories about teachers बहुत पसंद आयेगा my story as a teacher

 

 

 

short moral stories for teachers in hindi

 

एक दीन स्कूल में क्लास चल रही थी बहार बारीस गिर रही थी । तब टिचर ने सरे बच्चो को कहा में तुम्हे 100 रुपीये दु तो आप लोग क्या कारेगे । एक लड़का बोला में खेलने के लीये क्रिकेट बेट खरीदुगा । एक लड़की बोली में खेलने के लीये गुडीया खरिदुगी । कैसि ने चोकलेट खरीद ने को कहा ।एक लड़का गहरी सोच में बैथा था । टिचर ने उसे कहा बेटा तुम्ह क्या खरीदोगे । तब उस लडके ने कहा में मेरी मां के लीये चशमा खरीदुगा । टिचर ने तुरंत कहा येतो तुम्हारे पापा भी खरिद सकते है तुम्ह तुम्हारे लीये कुच नहीं खरीद ना चाहते क्या । तब उस लडने जो जवाब दीया टिचर्की आंखेभी नम सी हो गई ।
 
सर मेरे पापा नहीं है । मेरी मां सिलाई का काम करके मुझे पठाई लिखाई करवाती है । में अच्छी तरहा से पठना चाहता हु आगे बडना चाहता हु । टिचरे ने कहा बेटा तुम्हारी यह सोच तुम्हे एक दीन बड़ा आदमी बनायेगी । ये लो तुम्हारे 100रुपीये शरत के मुताबित और दुसरे 100 रुपीये जब तुम्ह कामीयाब बन जावोगे तब मुझे लोटा देना ।
 
इस बिच में 20 साल निकल जाते है । जोर सोर से बारीस हो रही थी स्कूल के बाहार एक बडी सी गाडी आके रुकी । उस में से एक बड़ा अधिकारी निकला । सारे स्कुल के स्टाफ देखने लगे । वो अधिकारी टिचर के पास जाके पैर छुने लगा। टिचर में जो आपने मुझे 100 रुपिये दीये थे आज में वो लोटा ने आया हु । टिचार आय सुन्के बदुत अच्छा लगा ।
जिवान में हमेशा हमे यह बात याद रखनी है । हमे अपने परिवार के लीये कामीयाब बन्ना है। जिवान में आगे बडना है । दीन रात मेहन्त करनी है । हमे कामीयाबी का सपने देखना है। क्भी भी अपने आपपे घंमड नहीं करना है । केवल आसानी से जिवान जिना है और मेहन्त करनी है ।

 


 

teacher student motivational story in hindi

 

एक राजा था उसे एक लडका था वो बहुत होशियार था लेकीन वो चल नही पाता था । इस लीये राजा ने उसे एक कमरे मे केद कर के रख दीया था काफी साल हो गये वो एक कमरे मे केद होके । उसे किसी चिज का कोई मतलब पता नही चलता है । राजा को डर था की उसके ना चल पाने के कारण उस का मजाक बनके रह जायेगा इस लीये उसे केद करके रखा था ।

राजा बिमार होने के कारण मुत्यू हो जाता है । राजा मुत्यू होने से पहले अपने बडे बेटे को अपने भाई कि जिम्मेदारी देके गये थे । बडा बेटा राजा बन्ने के बाद अपने छोटे भाई को कमरे मेसे बाहार निकालता है । लेकीन उसे कीसि भी चिज के बारे मे पता नही चलता है ।

इस लीये राजा ने अपने छोटे भाई को कुच सिखा पाये कुच समजा पाये इस लीये मंत्री को एक टीचर (गुरु) को ले आने को कहा । सारे मंत्री गांव मे गुरु कि तलास मे निकल पडे लेकीन कोई अच्छा गुरु नही मिलता है । लेकीन एक चोर अपने साथी के साथ चोरी का प्लान करता है तब मंत्री ने उन सभी को देखा तब मंत्री को लगा की येही अच्छा गुरु है जो सभी को अच्छी तरहा से समजा रहे है ।

 

मंत्री तुरंत वहा जाता है और उस चोर को पकड के अपने साथ महेल मे ले जाता है । चोर के साथी को यह लगा की हमारी चोरी करने का प्लानींग राजा को पता चल गया है इस लीये हमारे मालिक को पकड ले गये है । इस लीये सभी चोर अपने अपने घर लोट गये । महेल ले सभी लोग बेथे हुवे थे तब राजा ने उस व्यक्ती को पास बुलाके कहा ये मेरा भाई है उसे सब कुच सिखाना है । तुम्ह जो मांगोगे वो तुम्हे मिल जायेगा । चोर मानाभी नही कर सकता था और कह भी नही सकता था की मे एक चोर हु । इलीये छोटे भाई का गुरु बन्ने का इरादा बना दीया ।

लडका हर दीन उस चोर को गुरु मां के सारी बात मान लेता है । काफि समय निकल गया । वो लडका और गुरु बहार गुमने के लीये निकल पडे । रास्ते मे एक तालाब आता है । तब गुरु ने लडके को कहा ये तालाब येसा है इस मे दुब्की लगाने से जो मंनमे इशा है वो पूरी हो जाती है । लडके ने तुरंत तालाब मे दुब्की लगाने के लीये तैयार हो गया । अपने कपडे और सारे हिरे-मोटी के हार बहार रख दीया । गुरु ने कहा जब तक मे बहार आवाज नही देता तब तक तुम्हे पानी मे दुब्की लगाये रखनी है । लडके ने दुब्की लगाई । वो गुरु सारा पैसा , हिरे – मोटी ले के चला जाता है ।

लेकीन उसे रास्ते मे एक बाबा मिलता है जो उस चोर को कहता है । तुमने ये सभी चिजो को चुरा तो लीया है लेकीन आज एक गुरु का नाम खराब कीया है । वो लडका अपने गुरु की बात मान्के तालाब मे दुब्की लगायी है । जब तक आप बाहर निकल ने के लीये नही कहोगे तब तक वो नही निकलेगा । चोर को बाबा की बात सुन्के अच्छा नही लगा इस लीये वो चोर तालाव के पास आ गया । सारे पैसे , हिरे – मोटी निचे रखे और उस लडके को बहार बुलाया ।

बाद मे उस चोर ने लडके को कहा की मे गुरु नही हु मे एक चोर हु जो आज आपके पैसे चुरा के भाग रहा था । ये बाबा ने मुझे एक सिख दीया है । किसी का विश्वास नही टोड ना चाहीये । लडके ने उस गुरु को कुच पैसे देके जाने को कहा । 

 

 

teacher aur student ki kahani

 

एक बंट्टी करके लडका था वो स्कूल जाने मे बहुत आलसी था । जब भी टीचर कोई होम वोर्क देता है तब बंट्टी कोई ना कोई बहाना निकाल ही देता था और स्कूल मे छुट्टी ले लेता था । जब बी कोई परिक्षा हो या होम वोर्क चेक करना हो तब बंट्टी स्कूल मे छुट्टी ले लेता था ।

एक दीन मेडम ने सबी बच्चो को कहा कल सबी बच्चे अपनी 2 नो नोटबूक लेके आना मे कल सभी बच्चे का चेक करुगी । घर मे मां बंट्टी को कहती है बंट्टी तुम्हे ने होम वोर्क कीया है तो बंट्टी ने कहा मे कल होम वोर्क कर दुंगा । लेकीन जब स्कूल जाने का समया आया तब बंट्टी का होम वोर्क किया नही था और बंट्टी मां को कहने लगा मुझे पेट मे दर्द हो रहा है । मां ने कहा थीक है आज आराम करो ।

जब मेडम स्कूल मे होम वोर्क चेक कर रही थी तब बंट्टी नही दिखाई दे रहा था । मेडम को होम वोर्क चेक करते करते स्कूल की छुट्टी का समय हो गया था । मेडम ने कहा मे कल बाकी दुसरे बच्चे का होम वोर्क चेक करुगी । रोहन तुरंत बंट्टी को कहने लगा आज कुच बच्चे का होम वोर्क चेक करना बाकी है । इस लीये कल मेडम होम वोर्क चेक करेगी । बंट्टी ने कहा की मे कल भी स्कूल मे नही आवुगा । येसा करते करते 3 दीन येसे निकल गये ।

 

अब बंट्टी स्कूल ना जाने के लीये मां के सामने बहाना निकाल रहा था । लेकीन मां ने कहा तुम्ह स्कूल ना जाने के लीये पेट दर्द का बहाना निकाल रहे थे । उस के बाड अपने दस्तो के साथ बहार खेल ने के लीये निकल जाता है । आज तो येसा नही चलेगा अभी मे पापा को बुलाती हु । बंट्टी अपने पापा से बहुत दरता था इस लीये स्कूल जाने के लिये तैयार हो गया ।

स्कूल मे बंट्टी बेथा हुवा था तब टीचर कि नजर बंट्टी पे पडी और टीचर ने बंट्टी को कहा आज मे तुम्हारी नोट बूक चेक करुगी । तब बंट्टी ने कहा मेडम मे आज नोट बूक लेके नही आया हु । कल मे नोट बूक ले के जरुर आवुगा । बंट्टी अपने दोस्त के पास नोट बूक ले लेता है और पूरी रात जाग के अपना होम वोर्क पुरा करता है ।

जब बंट्टी स्कूल मे टीचर को अपनी नोट बूक दिखाने के लीये जाता है तब टीचर बंट्टी को थका हुवा देखती है तब पता चल जाता है की बंट्टी ने पूरी रात जाग्के होम वोर्क कीया है । टीचर ने बंट्टी को कहा की जब भी होम वोर्क दीया है उस वक्त होम वोर्क कर देना चाहीये । जिस दीन होम वोर्क दिया है उस दीन होम वोर्क कर देना चाहीये । एक साथ होम वोर्क करने का कोई मतलब नही है । तब बंट्टी ने कहा की मे आज से हर दीन होम वोर्क कर दुंगा । मे समय सर हर दीन होम वोर्क करता रहुगा ।
   

 

short story of a teacher and a student inspirational in hindi

 

जब मे स्कूल मे था तब मुझे लिखना नही आता था। स्कूल का होमवोर्क मुझ से नही हो पाता था। एक दिन टीचर ने मुझे पास बुलाया और कहा तुम आज कुछ नही लिखो गे तो आगे चलते हुवे कुछ नही लिख पावो गे। 

टीचर ने मुझे कहा तुम्हे हर दिन एक पाठ लिख के आना है। टीचर जो कहा मे ऐसा किया। पहले दिन मेने जैसे तैसे एक पेज लिखा । बड़े बड़े शब्द मे लिखता गया। 

टीचर ने कहा ठीक है कल 2 पेज लिखके आना। अब से मे हर दिन टीचर की कही बात पालन करता रहा। देखते ही देखते कुछ ही दिन मे अच्छि तरहा मे लिखने लगा। मेरे हैंड व्रटींग अच्छे होने लगे। 

अब मेरे अच्छे नंबर आने लगे।अब मे पठाइ लिखाई मे अच्छा हो गया हु। मेने अब स्कूल की पठाइ पूरी कर लिया है। अब मे कॉलेज की पठाइ कर रहा हु। 

आज मे जो कुच्छ हु वो मेरे टीचर के कारण हु। मे दिल से मेरे टीचर को धनियवद् कहता हु। 

 

 

teachers day motivational story in hindi

 

एक शेठ को शिकार करने का बहुत शौक था। शिकार करते करते बहुत समय निकल गया था और वो जंगल मे भटक गया था उसे कोई शिकार अभी तक नही मिला था। शेठ अब एक पेड़ के नीचे बैठ गया और आराम करने लगा। 

उस वक्त तीन बच्चे खेलते खेलते उस शेठ के पास पहुँच गये। शेठ ने तुरंत उस बच्चे को अपने पास बुलाया और कहता है बच्चों तुम्हारी एक मुझे मदद चाहिये। मुझे बहुत जोर से भूख लगी है तुम्ह जरा आस पास से देखो कुछ खाना मिल जाये तो अच्छा होगा। 

तीनो बच्चे आस पास देखने लगे। किसी ने फल लाके दिये तो किसी ने पानी लाके दिया। शेठ अब उस से अपना पेट भर लिया। शेठ ने तुरंत उन तीनो बच्चो को पूछा तुम्ह तीनो यहा पे क्या कर रहे है। तब तीनो ने कहा हम तो अनाथ है हमारा कोई ठिकाना नही है कभी ईथर तो कभी वहा। 

शेठ ने तुरंत उन लोगो को पूछा जीवन मे क्या करना चाहते हो। एक ने कहा मुझे बहुत सारा पैसा चाहिये ताकि मे खाना अच्छे तरहसे खा सकु। दूसरे ने कहा मुझे एक बड़ा घर चाहिये ताकि मे अच्छी तरहा रह सकु। तीसरे ने कहा मुझे शिक्षा चाहिये ताकी मुझे अच्छी बाते सिख ने को मिले। 

शेठ ने उन दोनो धन और घर दे दिया और तीसरे के लिए एक टीचर को ज्ञांन देने के लिये बुलाया। अब काफी समय निकल गया उस तीसरे बच्चे ने ज्ञांन लेके विध्वान बन गया और शेठ के वहा पे मैनेजर का काम करने लगा। 

शेठ को अब काफी समय पहले जो घटना घटिट् हुवी थी वो याद याने लगी थी। अपने मैनेजर को पास बुलाया और उसे कहा की अपने दोनो दोस्त को खाने के लिये बुलावो मुझे मिलना है काफी समय निकल गया है हमे मिले हुवे। 

अब तीनो दोस्त एक साथ शेठ से मिलता है। पहला कहता है मेरे पास कुछ घन नही है सब कुछ वेस्ट हो गये है। कुछ घन तो चोरी हो गया है। मे फिर से वही आ गया हु। 

अब दूसरे ने रोते हुवे कहा मेरा घर बाड़ आने के कारण बह गया मेरे पास अभी कुछ नही है। मे बरबाद हो गया हु। 

शेठ ने कहा अपने दोस्त को देखो आज उस के पास धन है घर है सब कुछ है। 

ज्ञांन लेने से सब कुछ मिलता है। तुम्ह दोनो ने गलत सोचा था इस लिये तुम्हे कुछ नही मिला । जो मिला था वो तुमने गवा दिया। और तुम्हारे दोस्त ने संमझदारी से पकड़ लिया। 

 

 

What is the best speech for Teacher’s Day?

What’s a short speech on Teacher’s Day?

 

दोस्तो मुजे यकिन है कि short story about my teacher आप को पसंद आयि होगि । यह moral stories on respect for teachers आपको कोइ भुल करने योगियाता लग्ता है तो हमे कोम्मेंट करके बाताये और आपको कहनिया true very inspiring story of a teacher लिखने का पसंद हो तो the proud teacher story या moral stories on teachers day ईमैल कर सकते हो short story of a teacher and a student inspirational

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