रक्षा बंधन स्टोरी इन हिंदी ॥ raksha bandhan story in hindi

दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है raksha bandhan story in hindi के बारे मे हमे यकिन है raksha bandhan essay बहुत पसंद आयेगा raksha bandhan history

 

 

 

raksha bandhan in hindi

 

एक लडका था उस की कोई बहेन नही था । वो अकेला ही था वो बहुत गरीब था । हर साल रक्षाबंधन दीन सोचता था की कास मेरी भी बहेन होती और मुझे राखी बंधती । वो लडका उस के दोस्तो के हाथ मे राखी देखते हुवे निरास हो जाता है ।

वो लडका एक दीन खेत मे काम कर रहा था । उस वक्त एक महीला उस लडके के पास आती है और उस लडके को कहती है मुझे बहुत जोर से पेट मे दर्द कर रहा है तुम्ह किसी को बुलाके ले के आवो । लडके ने कही लोगो को बुलाया लेकीन किसी ने लडके की बात नही मानी और कोई उस के साथ नही आया । बहुत अंधेरा हो चुका था वो लडका वापस उस महीला के पास जाता है ।

उस महीला को कहा है मेंने कही लोगो को मदद के लीये बुलाया लेकीन कोई नही आया मेरी मदद करने के लीये । महीला दर्द के मारे बहुत चिल्ला ने लगी रोने लगी । लडका उस महीला को रोते देखते हुवे वो भी रोने लगा । थोदे समय के बाद महीला ने एक लडकी को जन्म दीया । वो लडका उस लडकी को अपने हाथ मे उथाता है ।

वो महीला ने उस के बाद उस लडके को भी साथ मे घर लेके जाती है महीला अकेली रहती है उसका पती की मुत्यू हो गया था । उस महीला ने उस लडके को कहा तुम्ही ने इस नन्ही परी को अपने हाथ मे पहली बार उठाया था इस लीये तुम्हे ही इस नन्ही परी का नाम रखना है । उस लडके ने नाम दीया लक्ष्मी । उस महीला ने कहा ये तो बहुत अच्छा नाम है ।

लक्ष्मी अब बडी हो गई थी वो पहली बार उस लडके को राखी बंधती है । वो लडका उस राखी को देखते हुवे बहुत खुश हो जाता है । अब से हर साल रक्षाबंधन के दीन लक्ष्मी अपने भाई को राखी बंधा करती है । इस प्रकार से उस लडके को एक मां मील गाई और एक बहेन मील गई । वो अब अकेला नही था उस का भी एक परिवार था ।

 

 


raksha bandhan story in hindi  

 

एक किशान हर दीन सबजीया बेच ने के लीये जाता था। एक दीन सबजी बेच के अच्छा मुनाफा कमाता है । किशान घर जाके अपनी पत्नी को पैसे देता है और कहता है ये हमारे दोनो बच्चे की स्कूल की फिस है । पत्नी ने कहा लेकीन अपने जूते क्यू नही खरीदे । बच्चे भी कहने लगे पापा अपने क्यू जुते नही खरीदे । तब किशान ने कहा पहले शिक्षा लेना जरुरी है ।

दुसरे दीन पत्नी अपने पती के लीये जूते खरीद के ले आती है । किशान कहता है आप तो अपने लीये कपडे लाने वाले थे । पत्नी कहा फिर कभी मे अपने लीये कपडे खरीद के ले आवुगी । किशान हर दीन की तरहा सबजीया बेच ने ले लीये चला गया । रास्ते मे लोट ते समय काफी समय नीकल जाता है । किशान घर की तरफ चलता जाता है लेकीन तुफान आने वाला था इस लीये एक घर मे थोडी देर के लीये रुक ने का सोचा ।

उस घर से किसी की आवाज आने लगी मुझे बचावो कोई है मुझे बचावो । किशान की नजर तुरंत उस घर के तरफ जाती है वो वहापे जाता है उस जगह एक लुतेरा औरत के साथ बतेमीजी कर रहा था और उस औरत का एक नन्हा सा लडका रोता था । किशान ने सभी गांव वालो को बुलाया और उस लुतेरे को बहुत मारा और पोलिस के हवाले कर दीया ।

उस औरत ने कहा मेरा नाम है मीरा और ये मेरा बेटा है बंटी। किशान ने कहा मेरा नाम है रगु । मीरा ने कहा भैया आप नही आते तो आज क्या हो जाता । मे बजार मे सबजीया ले ने के लीये गई थी तब ये लुतेरा मेरा पिछा करते करते अही तक आ गया था । मिरा ने कहा भैया मेरे पास राखी तो नही है आज मे आप को ये धागा बंध देती हु । कल मे अच्छी वाली राखी आपको भेज दुंगी ।

किशान बहुत देर के बाद घर पोहुचा और अपनी पत्नी को सारी बात बताई । दुसरे दीन एक आदमी राखी और मिठाई लेके आता है और किशान को देता है ये मीरा बेन ने आपके लीये भेजवाया है ।  किशान तुरंत खुश होके घर मे जाता है और पत्नी को दिखाता है मीरा बेन ने ये राखी भेजवायी है । इसी तरहा हर साल किशान को मीरा बेन राखी भेजा करती है ।

अब किशन बुठा हो गया था वो अपने घर के सामने सबजीया बेचा करता था और किशान के बच्चे वो भी बडे हु चुके थे । मुन्नी की आगले महीने शादी होने वाली थी । मुन्नी कुच सामान लेने के लीये बाजार मे जाना चाहती थी । मुन्नी ने मां को कहा भाई कहा है मुझे बजार जाना है मां ने कहा भाई तो पास के गांव मे गया है खेल ने के लीये । मुन्नी ने कहा चलो तो मे अकेली जाके आती हु । मां ने कहा तुरंत आ जाना ।

मुन्नी कुच सामान खरीद के घर आती थी तब कुच लडके मुन्नी का पीछा करने लगे । मुन्नी डर गई और आगे की तरफ चलती गई । मुन्नी बहुत डर ने लगी मुन्नी को एक औरत दिखती है मुन्नी उस औरत से मदद मांग्ती है उस औरत ने उस बदमास लदके को डरा धमंका के वहा से भागा दीया ।

मुन्नी ने कहा आप तो मीरा बुवा होना हा बेटी मे मीरा हु । मुन्नी ने कहा मे रगु की बेटी हु । मीरा बुवा ने मुन्नी को कहा चलो मे आपके घर ही जाना चाहती थी । दोनो घर पोहुचे रगु और उस की पत्नी मीरा बेन को देखते हुवे खुश हो गये ।

मुन्नी ने मां और पापा को रास्ते मे जो कुच हुवा उसके बारे मे बताया । रगुने मीरा बेन को सुक्रीया कीया मुन्नी को बचा ने के लीये । रगुने कहा आप कुच दीन हमारे घर रुक जाव कुच दीन के बाद मुन्नी की शादी होने वाली है । मीरा बेन रगु के घर कुच दीन रुकने के बाद रगु को मुन्नी की शादी करवाने के लीये पैसे देती है । रगु पैसे देखते हुवे बहुत खुश हो जाता है ।

अब रगु अपनी बेटी मुन्नी की शादी अच्छी तरहा करवाता है । मुन्नी अपनी मीरा बुवा से आसीर्वाद लेती है । इस तरहा एक गरीब को एक बहेन मिल जाती है । गरीब की राखी अच्छी तरहा होती है ।

story behind raksha bandhan

 

एक श्याम करके लडका था वो अपनी बहेन सरोज को मोटरसाईकल पे अकसर कोलेज मे छोडने के लीये जाया करता था । लेकीन बहेन सरोज को अपने माई श्याम सबजीया बेचने का पसंद नही था इस लीये वो कोलेज के पास नही ले जाती थी और रास्ते के बिच मे मोटरसाईकल से उतर जाती है । एक दीन सरोज को अपनी शहेली पुछती है तुम्हे कोन छोडने को आया । सरोज ने कहा कोइ नई येसी ही तब शहेली ने सरोज को कहा क्या तुम्हारा ये बोइफ्रेंड है तब सरोज ने कहा ये मेरा भाइ है ।

सरोज घर जाके अपने भाई श्याम को कहा आप कल से मुझे कोलेज छोड ने के लीये नही आयेगे । मे अकेली चली जावुगी सभी कोलेज मे मेरी मजाक उडाते है सबजीया बेच ने वालेकी बहेन ये कोलेज मे पठाई करती है । श्याम अब अकेला दुकान पे जाने लगा और सरोज अकेली कोलेज जानी लगी ।  

सरोज एक लडके से प्यार करने लगी थी । वो दोनो ने तैय कीया शादी करेगे । लडके ने कहा कल मे मेरे पापा के साथ तुम्हारे घर पे आवुगा तब सरोज ने मना कर दीया तुम्हे तो पता है मेरे घर की आर्धिक परिस्थीती अच्छी नही । मे कल मेरे भाई को तुम्हारे घर भेज दुंगी । सरोज ने अपने भाइ श्याम को सारी बात बातया । भाई श्याम भी बहुत खुश हो गया ।  

दुसरे दीन श्याम उस लडके के घर गया । उस लडके के पापा के साथ बात कीया । उस के पापा ने उस श्याम के बारे मे सारी जानकारी ले लीया । उसके पापा को श्याम का स्वभाव आच्छा लगा । इस लीये दोनो की शादी करवा दीया ।   

शादी होने के बाद कही साल हो गये अब सरोज मां बन्ने वाली थी । तब उस लडके के पापाने कहा अपने भाई श्याम को भी बतादो । तब सरोज कहने लगी कहा मेरा भाई गरीब और मे अमीर । पापा को यह बात सुंके अच्छा नही लगा इस लीये पापा ने सरोज से कहा तुम्हारा भाई नही होता तो तुम्ह आज इस जगह नही होती । तुमहारे भाई ने केवल छोटी
सी उम्र मे सारी जिम्मेद्दारी तुम्हारी उथाई थी । वो ना पठाई लिखाई करके तुम्हे पठाया है । तुम्हारे भाई ने अभी तक शादी नही कीया और तुम्हारी शादी करवाया है वो सब सुंक्के
सरोज की आंखे नम हो गई ।  

सरोज तुरंत अपने भाई को मिलने के लीये चली गई और भाई से माफी मांगी और भाई को कहा आप मामा बन्ने वाले है भाई बहुत खुश हो गया । बहेन ने अपने भाई को राखी बंधी ।   

 

दोस्तो मुजे यकिन है कि raksha bandhan short story in hindi आप को पसंद आयि होगि । यह raksha bandhan in hindi आपको कोइ भुल करने योगियाता लग्ता है तो हमे कोम्मेंट करके बाताये और आपको कहनिया happy raksha bandhan लिखने का पसंद हो तो raksha bandhan 2021 या short story on raksha bandhan ईमैल कर सकते हो | raksha bandhan special story in hindi

 

 

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