Small story Ser Ka sawaser story
एक दीन किशान को कुच सामान बेच
ने के लीये दुसरे गांव मे जाना पडा। रास्ते मे एक बडा सा जंगल वाला पहाड को पार करना
था । किशान को डर था की कही जंगली जानवार ना आ जाये। वो डर डर के बहुत संभालकर जंगल
पार कर राहा था । जंगल पहाडी वाले रास्ते का किनारा थोडा दुर था इतनी देर मे किशान के सामने
शेर आ गया । किशान को शेर को देखती पसीने छुट ने लगे । लेकीन वो सभाल सभाल के हिम्म्त
के साथ आगे बठ ने लगा । शेर को किशान के व्यवहार से बहुत हैरानी होने लगी क्यु की शेर
को देखने के बाद भी सभी लोग भयभित हो जाते थे ।
लेकीन किशान बिना डरे निर्भय
होके शेर की तरफ जा रहा था किशान शेर के पास पहुचकर बोला तुम्ह यहा छुपे हो और मे कबसे
तुम्हे चारो और जंगल मे ठुंठ रहा था । किशान की यह बात सुन्के शेर डर गया । शेर धिरे
से बोला तुम्ह मुझे क्यु ठुंठ रहे थे ।
किशान को शेर इस तरहा डरते देखते हुवे हिम्मात बठ गई । किशान जोर से बोला मेरी पत्नी ने दो शेर को पकड कर लाने को कहा है । एक तो मे पहले से पकड चुका हू दुसरे तुम्हो हो जो मुझे यही पे मिल गये हो और मेंने तुम्हे कहा कहा नही ठुंठा मे बहुत परेशान हो गया हु । किशान ने अपने सामान मे से एक बडी शीशा वालि बोटल निकाली । शेर ने देखा की शिशा की तरफ उसमे एक शेर था उसे लगा की किशान शिशे के उंदर पकड के बंध कर देता है । वो शिशे मे केवल शेर का प्रतिबिम्ब था वो वहुत डर गया और वो वहा से तुंरत भाग गया ।
इस तरहा से किशान ने बुध्धिमानी से आपनी
जान को बचा लीया । तबी तो कहते है लोग एक ना एक दीन शेर को सवा शेर मिल ही जाता है
।
एक दीन जंगल मे शीयाण गुन्मे
ने के लीये निकला । गुम्ते गुम्ते वो खर्गोस की तोलि मे चल्ला गया ।सभी खर्गोस ने शीयाण
को आमंतण दीया रात होने को आयी वो सोच मे पड गया किसी ने मुझे खाना अभी तक नही दीया।
एक खर्गोस को पास बुलाया उस को कहा अभी तक मुझे खाना नही दीया येसा क्यु ।
तब खर्गोस ने कहा की हमे हर
दीन शेर को खाना देना होता है इस लीये हमारे जो हिस्से का खाना होता है वो सब शेर को
दे आते है । हमने शेर को खाना नही दीया तो वो हम सब को मार दालेगा ।
शीयाण ने कहा थीक है आज मे शेर के पास खाना ले के जावुगा । शीयाण
खाना ले के शेर के पास ले जाता है और शेर को कहता है ये लो शेर आज मे तुम्हारे लीये
खाना लाया हु । सारे खर्गोस मिलके तुम्हे मारने का
प्लानींग हो गया है इस लीये मुझे पाहाडी से बुलाया है मेने कही शेर को मार गीरा है
। ये तुम्ह जो खाना खा रहे है वो एक शेर का मास है मेंने अभी अभी शेर को मार गीराया
है ।
शेर शीयाण की बात सुंके डरने लगा । धीरे से बोला क्यु मुझे मारना
चाहते हो मेंने क्या कीया है । मुझे खर्गोस लोगो ने तुम्हे
मार ने की सुपारी दीया है । इस खाने मे मेंने जहेर मिलाया है इस लीये तुम्ह इस खाने
को सारा खाने के बाड मर जावोगे । शेर बहुत डर गया और शियाण से कहने लगा मे अब खर्गोस
को परेशान नही करुगा । मे इस जहेर से किस तरहा बच पावुगा इस का कोई इलाज बतावो ।
शियाण ने चतुराई से कहा की इस
पहाडी के निचे एक गुफा है उस मे पानी का जरणा है उस का पानी पिने से तुम्ह ठीक हो जावोगे
। शेर तुरंत गुफा मे गया बहार से सभी खर्गोस ने मिल के गुफा बंध कर दीया । शेर अब गुफा
से बहार नही निकाल पायेगा ।
चतुर शीयाण बुध्धीमानी से सबी खर्गोस को बचा लीया । तबी तो कहते है की शेर को सवा शेर मिल गया ।
दोस्तो मुजे यकिन
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