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Best Motivational Story in Hindi for students
एक गांव मे सोमु बाई रहती थी
और उसकी एक बेटी कवीता थी । पती के गुजर जाने के बाद सोमु बाई पे पुरी जिमेदारी आ
गई घर मे पुरा काम करना पडता था पैसे कमाना और बेटी कवीता को पढाई लिखाई करवा ना
सोमु बाई का सपना था की बेटी कवीता एक बडी ओफ़ीसर बने । सोमु बाई ने पैसे कमाने के
लिए दुसरे के घर जाके काम करने लगी । जब भी दुसरे के घर काम करने के लिए जाती थी
तब अपनी बेटी कवीता को साथ ले जाती थी । सोमु बाई जब घर मे बर्टन साफ करती थी तब
उसकी बेटी कवीता अखबार को पढती रेहती थी ।
मालकीन ने देख लिया तब मालकीन
ने कहा की बेटी कवीता क्या कर रही हो अपनी मां को कुच काम काज मे मदद करो । ए
अखबार पढके तुम्हे क्या मिलेगा । बेटी कवीता ने मालकीन को कहा की मेरे पास पढने के
लिये किताब नही है इस लिये मे अखबार लेके नयी नयी चिज सिखती रहती हु । मालकीन ने
कहा की तुम्ह नयी जिच सिख के क्या करोगी । बेटी कवीता ने कहा की मे बडी होके बडी
ओफिसर बनुगी । मालकीन जोर जोर से हंस ने लगी । मां को वो सब देखते हुवे बहुत बुरा
लगा और बेटी कवीता को वहा से लेके घर आ गई ।
सोमु बाई लगन प्रसंन्ग के
लिये रोटीया बनाने का काम शरुआत किया । रोटीया बनाने के लिये हर दीन सुबह 4 बाजे
उथना पडता था । सोमु बाइ कि तरहा उस की बेटी भी ज्ल्दी उठ जाती थी और किताबे पढने
लगती थी । एक दीन घर का मालिक आ गया और सोमु बाई को कहने लगा कि तुम्ह हर दीन 4
बजे उथ के बिज्ली जलती हो तो उस का बिल कितना ज्यादा आयेगा । तुम्ह बिज्ली का
ज्यादा बिल दो या घर खाली कर दो ।
बेटी ने मुह्बत्ती जलाके
अपनी पढाइ करनी चालु करदी और सोमु बाई ने दिया जाला के रोटीया सेकनी चालु किया ।
इसी तरहा दीन बितते गये । बेटी कवीता अपने क्लास मे अंवल आती हि गई । बेटी कवीता
बडी हो गई एक टिचर ने कवीता के अछे ग़्रेड देखते हुवे शहेर मे पढाई लिखाई के लिये
भेजा और सारा खर्चा उथाया लिया ।
बेटी कवीता मंन लगाके पढने
लगी । जब परिक्षा की बारी आयी पुरी जोर सोर से त्यैयार होके निक्ली लेकीन रास्ते
मे एक कार वाले के साथ भिदन हो गई और एक हाथ मे लागी और सिर से लोही निकल ने लगा ।
सभी लोग कहने लगे कि बेटी पास मे एक होस्पीटल है वहा पे जाके इलाज करवा लो कवीता
सोच मे पड गई । होस्पीटल जावुगी तो मेरा पुरा एक साल खाराब होगा । क्या हुवा एक
हाथ मे लगी हे तो दुसरा हाथ से मे लिख सकती हु । वहा से उठ के परीक्षा देने के लिए
गई और परीक्षा दीया । उस के बाद होस्पीटल मे इलाज करवाया । वहा पे भी किताब लेके
पढने लगी ।
जब ईंटरीव्यु की बारी आई
तो बडी कोंफ़िडंस के साथ दीया । और ईंटरीव्यु देके अपने घर लोट आई । जब रीज्ल्ट आना
था तब मां सोमु बाई सुबहा अखबार लाई और बेटी कवीता को दीया । कवीता ने देखा तो वो
पास हो गई थी । कवीता ने मां से कहा मे पास हो गई हु मे कलेटर बन गई हु ।
जितोर पुरे होस्ले से
मेहन्त करने से इसी तरहा गरीब भी एक कलेटर बन सकता है ।
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एक गांव मे बडी बिमारी के चलते एक परीवार मे मां गुजर जाती है । पिता
और एक बेंटा ही रहता है । पिता को ठीक तरीके से दिखाई नही दे रहा था | पिता कई भी काम मांग
ने के लिये जाते था तब किसि भि लोग काम नही देते थे । पिता ने अपने बेटे को साथ लेके
भिख मांग ने के लिये निकल पडता था ।
गांव मे बडे से घर के पास भिख मांग ने के लिये गया तो बहा पे एक बच्चा
किताब लेके पढ रहा था वो देख के बेटे
को भी पढने की इशा हुवी । किसि ने भी गांव मे भिख नही दीया सभी लोग उससे दुर रहने
लगे ।
बेटे ने घर जाके पिता से
कहा की मुझे भी पढाई लिखाई करनी है । पिता ने कहा की अभी तो हमे 2 वक्त का खाना भी
नशीब नही हो रहा है । मे तुम्हे केसे पढाई करवा सकता हु तुम्ह पढाई करके क्या
करोगे । बेटेने कहा की मे बडा होके एक डोकटॉर
बनुगा और गांव मे एक होस्पीटल खोलुगा और आपकी आंखो को ठीक कर दुगा ।
दुसरे दीन से बेटा ने पिता
को गांव के पास एक पेड के पास बीठा दीया और खीलोना बेच ने लगा । और गांव के टीचर
से मिलके अनुमती लिया कि मे पढना चहता हु । टिचर ने उसे कलसे क्लास मे आने को कहा
। वो क्लास खातम होने बाड खीलोना बेचता था । और उस पैसे से खाना ला के पिता को
खिलाता था ।
वो बेटा हर साल अछे ग्रेड के साथ पास होता था धिरे धिरे बडा होता गाया । सभी लोग गांव मे उसके अछे ग्रेड आने कि वजाह से ना खुस थे और कहते थे की क्या वो डोकटॉर बनेगा हम भी देखेगे । एक दीन उसे डोकटॉर कि पढाई करने के लिये शहेर जाना था । शहेर मे अछे कोलेज मे द्खाला मिला था । पिता को कहा की तुम्हे थोडे समय के लिये अकेला रहना पडेगा । टीचर ने कहा की तुम्ह पिता की चिंता करना छोड दो मे हुना सब कुछ देख लुंगा ।
बेटा कोलेज मे पुरी मेह्नत
किया और वो डोकटॉर बन गया । गांव मे महामारी के चलते सभी लोग बिमार पडने लगे । कोई
भी शहेर से डोकटॉर गांव मे आना नही चाहते थे । सभी गांव वाले चिंता मे पड गये ब
क्या होगा हमारा । तब एक दिन एक नर्स आके बोली सभी को एक साथ एक्थे होने को कहीये शहेर
से बडा डोकटॉर आ रहा है । सभी का मुक्त मे इलाज करेगा । जब गांव मे डोकटॉर आया तो
गांव के सरपंच ने फुलो से सजी माला पेहराई ।
बेटे ने पह्ले पिता जी का
असिर्वाद लिया और सभी को इलाज करना चालु कर दीया धिरे धिरे करके सभी लोग अछे हो
गये । बाद मे बेटे ने अपने पिताजी का आंख का ओपरेश्न कीया । पिता की आंख ठीक हो गई
और पिता खुशी के मारे रोने लगा ।
सभी गांव वाले मिलके पिता
और बेटे की जैय जैय कार करने लगे । और सभी ने फुलो से सजी माला पेहराई ।
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दोस्तो मुजे यकिन है कि Motivational
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