Autobiography Of Newspaper
दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है newspaper of today के बारे मे हमे यकिन है | contribution of small newspapers बहुत पसंद आयेगा ।
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newspaper |
यदी
संसार
मे
कोइ
भी
धटना
धटित
हो
जाती
हे
तो
हमारे
पास
अगले
दीन
हमारे
पास
उसी
खबर
समाचार
पत्रो
से
हमारे
पास
आ
जाती
हे।समाचार
पत्र
के
बिना
जिवन
की
कल्पना
करना
बहुत
कठीन
हो
चुका
हे।सुबह
सबसे
पहले
आवश्यक
वस्तु
हे
वो
समाचार
पत्र
हे।समाचार
पत्र
हमे
वर्तमान
समय
मे-जुडे-रखने-के-लिये-व्पापारीयो,राजनितिज्ञों,सामाजिकमुदो,विज्ञान,शिक्षा,दवाइयों,अभिनेताओं,मेलों,त्योहारों,तकनीकोंआदि,बेरोजगारो,खेल,अन्तरराष्ट्रीय
समाचार
की
जानकारी
हमे
देता
हे।
समाचार
जानने
के
लिये
बहुत
कम
थे
प्राचीनकाल
मे
साधन
।
मनुष्य
कि
आर्थिक
स्थीती
बदलती
गई
वेसे
वेसे
समाचार
पत्रो
को
जानने
कि
जिज्ञासा
बठती
गई
।
बौध
धर्म
के
सिद्धांतों
को
दुर
दुर
तक
पहोचाने
के
लिये
सम्राट
अशोक
ने
समाचार
पत्र
बनवाया
था
।
समाचार
पत्र
को
साधु
महात्मा
चलते-चलते
पहोचाने
का
कार्य
करते
थे
।
पहले
समाचार
पत्र
मुगलकाल
मे
अखबारात-इ-मुअल्ल
के
नाम
का
आता
हे
।
समाचार
पत्रो
का
विकास
अंग्रेजों
के
आने
के
बाद
हुवा
था
।
इंडियन
गजट
नामका
समाचर
पत्र
20 जनवरी 1780 मे
निकाला
गया
हे
।
महत्व समाचार पत्र का
रुचि से समाचार पत्र पठना बहुत अच्छा कार्य हे । समाचार पत्र पठना बहुत हि नियमित रुप से ओर शोकिन हो गया तो वो कभि भि समाचार पत्र पठने को नहि छोदे गे । पिछडे हुवे देश मे अखबार बहुत प्रसिद्ध हो गया हे । हिंदी , अंग्रेजी, उर्दू मे अलग अलग भाषा से समाचार पत्र प्रकाशित हो गया हे । दुनिया भर कि कई कोने कि महत्वपूर्ण खबरे समाचार पत्रो के जरिये हमे मिल जाति है ।
यदी मे समाचार होता तो
यदी मे समाचार होता तो आज मे बहुत गर्व से सभि लोग को कहता । मे सभि लोगो को देश-विदेश कि जानकारी पोहचाता । और लोगो को काम मे आसके वो एसी जानकारी बताता । मे समाचार द्रारा सभि को विचारो और संदेशो को दुनिया तक पोहोचाता । संदेशो को तरह-तरह के विषयो कि खबरो मे समाचार मे छापता ।
समाचार पत्रो द्रारा मे मनोरंजन कि खबरो से सबि का मन को खुश करता । और देश-विदेश कि जानकारी द्रारा सभि का ज्ञान बठाता । सभि लोगो को मे बहुत सरि सुचना ओ के जरिए मे लोगो को उजागर करता । मे एक समाचार पत्रो के जरिये मे सभि के घरो मे जना चहता हु । तकी सभि लोग मुजे पठ सके और ज्ञान ले सके । मे सोचता हु कि जो मे समाचार पत्र बनता हु तो सभि को ज्ञान से कोइ वंचित नहि रह जना चहिये । मे समाचार पत्र मे सभि अलग अलग भषा मे छपना चाहता हु । ताकि मुजे सभि देश के कोने-कोने मे सभि लोग पठ सके । मे सभि लोगो को दुनिया के बारे मे ज्ञान देना चहता हु यदी मे एक समाचार पत्र होता ।
मेरे प्रायारे भाई तथा बेहेन मुजे आप अपनी विचार बातये कि आप को ए कहानी केसी लगी आप मुजे कोम्मेंत के जरिये बताये ताकी मुजे मोटीवेशन मिले और अपको इस तरहा कि रोचक कहाँनी पठ ने ले लिये मिल्ती रहे ।
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डोस्तो
मुजे
यकिन
है
कि
autobiography
of newspaper आप को
पसंदआयि
होगि
।
यह
newspaper
article आपको
कोइ
सुधार
करने
योगियाता
लग्ता
है
तो
हमे
कोम्मेंत
करके
बाताये
और
आपको
कहनिया
newspaper
essay in hindi लिखने खा
पसंद
हो
तो
हमे
punch
newspaper या
autobiography
of newspaper in hindi एमैल
कर
सकते
हो
|
very nice post newspappers story
ReplyDeleteBro apki hindi boht kharaab hai boht sara words galat hai
ReplyDeletePost a comment