a-true Moral of Two Brothers Story को बताने वाले है। Short Story of Two
Brothers आपको बहुत पसंद आयेगि Moral Of Two Brothers Story

Two Brother Short true life story
एक
दिन दोनो भाई समुद्र के किनारे गुमने के लिय गये। दोनो भाई के बीच मे बाहेश हो गई।
बड़े भाई ने छोटे भाई को एक चपेट मारी तब छोटे भाईने रेत पे लिख दिया आज मेरे भाई
ने मुझे मारा है। अब दोनो भाई कुच दिन् तक बात नही करते है । तब छोटे भाई को अपनी
गल्ती होना पता चल्ता है ।
छोटे
भाई ने अपने भाई से माफी मांगी अब दोनो भाई फिर से समुद्र के किनारे गुमने के लिये
चल्ले गये। अब छोटा भाई समुद्र मे नाह ने के लिये चला ग्या। छोटा भाई पानी मे
दुबने लगा । तब बडे भाई ने हाथ देके बहार निकाल लिया । अब छोटे भई ने एक पथर पे लिखा
आज मेरे भाई ने मुझे बाहार निकाला है । अब वो दोनो भाई बैथ के बात कर
रहे थे । मेने तुम्हे मारा तो तुम्ने रैत पे लिखा । मेंने तुम्हे दुब्ते हुवे ब्चाया
तो तुम्ने प्थार पे लिखा । यैसा क्यु ?
तब छोटे भाई ने कहा हमे कुच चिजे भुल जानी चाहीये और कुच
चिजे याद रखनी चाहीये जो ह्मारे जिवान में अच्छे पल हो ।
मोरल :- जिवान में हमे हर पल खुशी मिलती है तो कुच पल
परेशानी का सामना करना चाहीये ।
दो भाइ कि कहानि ॥ Moral of Brother Story
यह कहानि
है
एक
मा
और
उसके
दो
बच्चे
कि
।
वो
मा
अपने
दोनो
लदके
को
कहति
थि
कि
तुम
दोनो
बडे
होके
बहुत
अमिर
बन
जाना
और
हामारि
जो
गारिबि
है
वो
दुर
करदे
ना
। हर
दिन
वो
मा
दोनो
बच्चो
को
कुच
ना
कुच
सिखा
ति
रह
ति
है
।
वो
दोनो
भाइ
मा
कि
कहि
बात
को
मान
लेते
है
और
जो
कहति
है
वो
काम
किया
करते
है
। दोनो भाइ
जितोर
मेहन्त
करने
लग
जाते
है
।
बडा
लदका
बुराइ
का
रस्ता
पकद
के
अमिर
बनने
चला
और
छोटा
लदका
अमिर
बनने
के
लिये
नेकि
का
रस्ता
पक्द
के
आगे
बधटा
है।
वो
मा
को
कहने
लगे
के
हम
कुच
समय
के
बाद
अमिर
बनके
अये
गे
और
खुसि
खुसि
रहने
लगे
गे
।
वो
दोनो
भाइ
मे
कहासुनि
हो
गइ
वो
दोनो
आपस
मे
बात
चित
करनि
बंध
करदि
।
और
वो
दोनो
भाइ
अलग
अलग
रास्ता
पकद
के
चले
गये
।
काफि
समय
बित
जाता
है
वो
दोनो
भाइ
एक
दिन
अपनि
मा
के
पास
अता
है
और
बडा
लदका
कहता
है
कि
मा
मेरे
साथा
चलो
मेरे
पास
सब
कुच
है
घर
है
गडि
है
पैसा
है
तुम्हे
मे
बहुत
खुस
रखु
गा
कोइ
परेशानि
नहि
होगि
तुम्हे
।
वो
सुनके
मा
खुस
हो
गइ
। छोटा
सा
लदका कहता
है
कि
मा
अपने
जो
संन्कार
दिये
थे
उसि
रास्ते
पे
चलके
अज
मेने
इमांदारि
से
काम
करके
छोटा
सा
घर
ले
लिया
है
और
तुम्हे
सुख
रखु
एसा
थोदा
बहुत
घर
मे
सुविधा
कर
दि
है
कोइ
परेशानि
नहि
होगि
अपको
।
चलो
मेरे
साथा
वो
मा
सुन्के
बहुत
खुस
हो
गइ
।
लेकिन
मा
सोच
मे
पद
गइ किस
के
साथ
रहने
ले
लिये
जाव
बडे
लदके
के
साथ
या
छोटे
लदके
के
साथ
। बडे
लदके
ने
कहा
कि
कुच
दिन
मेरे
साथ
रहना
और
कुच
दिन
छोटे
के
साथ
रहाना
।
वो
मा
कुच
दिन
बदे
के
साथ
और
कुच
दिन
छोते
के
साथ
।
एक
दिन
मा
ने
दोनो
भाइ
को
छोद
के
चलि
गइ
और
बाद
मे
वो
दोनो
भाइ
फिर
से
अये
मा
को
लेने
के
लिये
मा
ने
काहा
के
आप
दोनो
अमिर
तो
हो
गये
है
लेकिन
खुस
नहि
है
।
मेने
अपको
अमिर
बनने
का
और
साथ
खुस
रहने
का
भि
तो
कहा
था
लेकिन
तुम
दोनो
खुस
नहि
हो
।
और
वो
दोनो
को
लगा
कि
हम
जो
कर
रहे
थे
वो
गलत
कर
रहे
थे
।
इस
लिये
वो
भाइ
सब
कुच
भुल
के
वापस
मा
के
साथ
रहने
के
लिये
आ
गये
।
और
वो
दोनो
भाइ
और
वो
मा
खुसि
खुसि
से
रहने
लगे
।
Two brother Story Moral :--
सुख
और
दुख
मे
हमेसा
साथ
मे
रहना
चाहिये
।
दोस्तो
मुजे
यकिन
है
कि
Two
Brother Short true
life story को
पसंद आयि
होगि
Short
Story of Two Brothers in Hindi आपको
कोइ
सुधार
करने
योगियाता
लग्ता
है
तो
हमे
कोम्मेंत
करके
बाताये
और आपको
Short
Stories About Brothers लिखने का पसंद
हो
तो
हमे true
motivational stories या
Twin
brothers moral story एमैल
कर
सक्ते
हो
|
The two brothers short
story pdf