यह कहानि है एक छोटे से मधावपुर ग़ाव कि वहा पर लोग भिन भिन प्रकार के लोग रह्ते है।अकसर लोग अपने गाव मे कुच ना कुच नया करते रह्ते है। लेकिन उस गाव मे एक लदका रह्ता था| वो बहुत शरारत करता था गाव कि औरत तालाव मे पानि भरने जाति है तो वो लदका मोटु बल का प्रयोग करके पथार मार के पानि के मतके फोद देता था । सभि लोग उससे परेशान थे ।
बुद्धि ही बल है पर कहानी
राम
और
मोहन
दोनो
बहुत पाक्के दोस्त थे । राम एक गरिब घर मे रहता था मोहन अमिर घर मे रहता था । वो
दोनो हर दिन एक दुसरे को मिलने के लिये नदी के किनारे आया करते थे ।
एक दिन वो दोनो गाव
के रास्ते से गुजर रहे थे । तब वो दोनो को स्कूल के मास्टर जि मिले ओर मास्टर जी
ने कहा कि बेटे क्या कर रहे हे । तब राम ने कहा कि हम दोनो सोच रहे है कि हर दिन
वो बकरी इस रास्ते गे गुजर के नदी के निकारे पानी पिने के लिये जाती है । बकरी को
कफी लब्बा रस्ता तय करना पदता है इस लिये हमने सोचा कि क्यु नहि इसी गाव मे बकरी
के लिये एक ननहा सा तालाब बनाया जये । मास्टर जि ने कहा तुम दोनो की अच्छी सोच है
।
दुसरे दिन वो दोनो
कुच सामान या हाथीयार लेके अपने साथ लाये । राम ने कहा कि मे इस जमिन खो खुदाई काम
करता हु । मोहन ने कहा की मे तालाब तक पनी को लाने का बंधोबस करता हु । राम ने बहुत मेहनत किया लेकिन वो तालाब को खुद
नहि सका वो थक गया । मोहन ने पुरा जोर सोर से अपनी बुध्धी से पानी को नदी से
पाईपलाईन लगादिया तालाब तक लाने का बंधोबस करलिया ।
लेकिन राम का काम हि
एसा था कि बल का उपयोग करना हि पदता है । वो अकेला हि लगा रहा किसी कि मदद नही
लिया । मास्टर जी राम को तालाब की खुदाई करते देखते है तब राम को कहा कि कहा पे हे
तुमहारा दोस्त मोहन । राम ने कहा कि वो पानि को तलाब तक लाने को बंधोबस कर रहा है ।
मोहन वहा पे आया ओर मास्टर जि को कहा कि मेने पानि को तालाब तक लाने का बंधोबस कर लिया
है ।
राम और मोहन को मास्टर
ने कहा की आप दोनो जो कर रहे है वो थिक नही है । जहा पे आप दोनो का काम कर रहे है वहा
पे आप दोनो को होना चहिये । तो फिर तुम दोनो अकेले क्यु काम कर रहे है । तुम दोनो बुद्धी
का उपयोग क्यु नहि कर रहे है । वो दोनो को मास्टर जि कि कही बात सही लगी । वो दोनो
एक साथ मिलके तालाब कि खुदाई करने लग गये ।
तालाब कि खुदाई हो जाने
के बाद पानि को तालाब तक पोहोचा दिया । पुरे गाव कि बकरी वहा तालाब पे पानि पिने के
लिये आया करते थी ।
बुद्धि ही बल है पर कहानी short story
यह कहानी है एक स्कूल की वहा पे कही सारे विधीयार्थी स्कूल
अभीयास करने के लीये आते थे । 7वी काल्स मे एक गोलु था वो सभी लोगो को कहता था मे
इस क्लास मे सबसे बलवान हु । उस क्लास की मोनीटर चुट्की थी ।
गोलु सभी लोगो को तंग कीया करता था । सभी को यह केह ता
फिरता था की मेही इस क्लास का मोनिटर हु क्यु की इस क्लास मे सबसे ज्यादाअ बलवान
मेही हु । गोलु सभी लोगो को तंग कर रहा था चुट्की ने देख लीया ।
चुट्की ने गोलु से बात कीया गोलु तुम्ह सभी को परेशान मत
करो । गोलु और चुट्की के बिच मे बोलाचाली होने लगी । दोनो अपसमे बहेश कर रहे थे मे
सब से ज्यादा बहादुर हु । चुट्की तुम्ह इस क्लास मे कमजोर तुम्ह किसि को मदद रुप
नाही हो पायेगी ।
एक लडकी वहा पे आयी और चुट्की और गोलु को कहा तुम्ह दोनो के
बिच मे एक मुकाबला होगा । उस मुकाबले जो जिते गा वो सबसे बाहादुर होगा । वो लडकी
ने कहा की वो सामने पडी हुवी किताब इस जगह पे रखने । गोलु बोला इस मे कोई नायी बात
नही है ये तो सिमपल है ।
गोलु भागते भागते एक जगह से किताब उठा के दुसरी जगह पे रखने
आता है एक लडके ने मदद करने को काहा लेकीन गोलु ने कहा मेरे पास बहुत बल है मे
अयेला ही काफी हु ।येसा कर कर वो थक गया । चुट्की ने बुध्धी का उपयोग कीया उसने दो
दोस्तो को कहा तुम्ह लोग इस लाईन मे खडे हो जाव और मुझे किताब देते जाव । येसा
करके किताब थोडी ही देर मे सब रखी गई ।
तब उस लडकी ने जो बुध्धी का उपयोग कीया था उस की सभी ने
तारीफ कर रहे थे । गोलु को तब पता चला की हर जगह पे बल का उपयोग नही होता है । जिस
जगह पे बुध्धी का उपयोग करना है वही पे बल का उपयोग नही करना है ।
गोलु ने जीवन मे एक सब्ख सिख लीया था वो किसि को अब से
परेशान नही करेगा । और सभी के साथ मिल जुलके रहेगा ।