The Eagle And The Tortoise Story In Hindi
कछुआ और गिद्ध कि कहानि
Top 2 The Eagle and the tortoise story in Hindi को बताने वाले है। Short captions eagle and tortoise अपको बहुत पसंद अयेगि।
एक
बार
कि
बात
है
कछुओ
के
समुह
मे
एक
लालचु
कछुआ
रहता
था
वो
सभि
को
बोल
ने
लगा
कि
पानि
कम
हो
रहा
हे
और
खाना
भि
कम
हो
रहा है
हम
सभि
लोग
एक
एक
करके
मरने
वाले
है।
सभि
कछुओ
के
बिच
मे
आपस
मे
बात
चित
चल
रहि
थि
।
कि
इस
बार
तो
अपने
तालाव
मे
पानि
कि
कमि
होने
वालि है
कुच
ना
कुच
तो
रस्ता
निकालना
पदेगा
।
थोदि
हि
देर
के
बाद
वाहासे
एक
गिद्ध गुजर
रहा
था
गिद्ध
कि
नजर
सभि
कछुओ
कि
सभा
भाराइ
हुवि
थि
उस
पे
पदी
।
गिद्ध
सोच
मे
पद
गया
कि
वो
सभ
कछुओ
लोग
क्या
रहे
हे
वो
गिद्ध
के
मन
मे
बहुत
सारा
प्रश्नो
आ
रहा
था
इस
लिये
वो
गिद्ध
कछुआ
कि
सभा
मे
गया
और
पुछने
लगा
कि
क्या
बात
चित
हो
रहि
हे
आज
सुभे
सुभे
हमे
भि
बतवो
।
एक
कछुआ
ने
बताया
कि
तलाव
का
पानि
काम
होने
कि
वजह
से
खाना
भि
नहि
मिल
राहा
है
इस
साल
तो
बहुत
कथिन
है
।
इस
बरे
मे
हम
सभि
लोग
आपस
मे
बात
चित
कर
रहे
थे
।
तो
वो
गिद्ध
बोला
कि
आप
अब
सोचना
बंध
करदो
।
उस
पहाद
के
पिछे
बदा
सा
तालाव
हे
आपको
पानि
भि
मिले
गा
और
खाना
भि
मिले
गा
।
तभि
एक
कछुआ
वा
बोलता
है
कि
हम
लोग
वहा
पे
जये
गे
केसे
हम
तो
तुमहारि
जेसे
उद
तो
नहि
पाये
गे
ना
।
तब
वो
गिद्ध
बोल
ता
है
कि
मे
मेरे
दोस्तो
को
बोलाता
हु
हमारि
मदद
कर
ने
के
लिये
।
वो
गिद्ध
उस
के
दोस्तो
को
बोला
के
ले
अता
है
और
सभि
गिद्ध
आपस
मे
बात
चित
करते
है
।
गिद्ध
कह्ता
है
कि
हम
दोनो
इस
लकदि
को
पकद
लेते
है
और
अप
अपने
मुह
के
बल
पकद
लो
।
इस
तरहा
से
वो
गिद्ध सभि
कछुआ
लोग
को
एक
एक
करके
उस
तालाव
कि
और
ले
जाने
लगे
।
इस
कछुओ
के
समुह
मे
जो
लालचु
कछुआ
था
वो
गिद्ध को
बोला
कि
मे
तो
यहि
पे
रहु
गा
मेरे
लिये
यहि
अछि
जगह
हे
तुम
जव
मे
मेरा
देख
लुगा
।
वो
कछुआ
बहुत
सरा
खाना
पिना
करने
लगा
वो
खुद
को
हि
उस
तालाव
का
मलिक
बताने
लगा
थोदे
दिन
के
बाद
वहा
पे
एक
मछवारा
आया
और
वो
तलाव
मे
जो
कुच
बचा
हुवा
था
वो
पकद
लिया
और
लालचु
कछुआ
को
भि
पकद
लिया
।
उस
कछुआ
को
ले
गया
अपने
घार
और
उसका
ननहा
का
लद्का
था
उसे
वो
कछुआ
खेल
ने
के
लिये
दे
दिया
।
Be The Inspiration
Moral : जिवन
मे
जो
कुच
मिले
इसि
से
काम
चाला
ना
चहिये
और
दुसरे
के
बारे
मे
गलत
मत
सोच
ना
चाहिये
जयदा
लेने
कि
सोचो
गे
तो
हमारा
हि
नुकसान
होगा
।
काफि
सामय
पहले
कि
बात
हे
एक
हरे
भरे
से
जंगल
मे
एक
कछुआ
रहता
था।
कछुआ
का
एक
मित्र
था
गिद्ध
दोनो
पक्के
मित्र
थे
वो
लोग
तालाव
के
किनारे
बेथे
बेथे
काफि
सारि
बात
किया
करते
थे
हर
दिन
वो
दोनो
तालाव
के
किनारे
बेथे
रहते
थे
।
एक
दिन
हुवा
युकि
गिद्ध
कहने
लागा
कि
काल
हम
दोनो
नहि
मिल
पाये
गे
कछुआ
कह्ता
है
कि
क्यु
नहि
मिल
पये
गे
गिद्ध
बोला
कि
काल
तो
मे
उस
पहाद
पे
जाने
वाला
हु
वाहा
पे
सभि
गिद्ध
मिलके
दावत
कि
मजा
लेगे
अछा
अछा
खाना
पिना
नाचना
होगा
।
तो
वो
कछुआ
बोला
कि
मुजे
ले
चालो
मेभि
तो
देखु
तुमहारि
दावत
केसि
होति
है
।
गिद्ध
ने
कहा
कि
ठीक
है
चलो
तो
तुमहे
ले
चलता
हु
।
वो
दोनो
गये
बहुत
सरा
खाना
पिना
करने
के
बाद
वो
दोनो
आ
रहे
थे
।
गिद्ध
उसे
अस्मान
मे
से
लेके
आराहा
था
तो
वो
कछुआ
एक
लकदि
को
पकदा
हुवा
था
मोह
कि
जरिये
वो
कछुआ
ने
बहुता
सरा
खाना
खा
लिया
था
तो
वो
बहुत
जोर
से
चिल्ला
ने
का
मन
हुवा
।
वो
गिद्ध
ने
कछुआ
को
मना
किया
हुवा
था
कि
कुच
नहि
बोलना
लेकिन
कछुआ
जेसे
हि
चिलाने
गया
तो
वो
लकदि
पकदि
हुवि
थि
वो
छुत
गइ
और
सिधा
निचे
गिर
गाया
और
मर
गया
।
You are an
inspirational to me Moral in stories : जो
कहा
गया
है
एसा
हि
करना
चहिये
नहितो
कुच
अनहोनि
होनेका
खातरा
रहता
है।
डोस्तो
मुजे
यकिन
है
कि
The Eagle and the tortoise story in Hindi
अप
को
पसंदअयि
होगि
।
यह
The
tortoise and the eagle short story अपको
कोइ
सुधार
करने
योगियाता
लग्ता
है
तो
हमे
कोम्मेंत
करके
बाताये
और
अपको
कहनिया
Eagle
eyes tortoise Stories लिखने
खा
पसंद
हो
तो
हमे
Short
Stories Eagle and tortoise या
Positive
I words motivation and inspiration day एमैल
कर
सक्ते
हो
|
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