दोस्तो आज आपको
यह बताने वाले है veer eklavya के बारे मे हमे यकिन है stories that are factual or
true बहुत पसंद आयेगा । आज मे आपको वीर एकलव्य कौन था वो आपको बताने वला हूँ ।
एकलव्य एक निषाद(भील) जाति का युवक था|
उसके
पिता
का
नाम
हिरणयधनु
और
पुत्र
का
नाम
केतुमान
था।
अपनी
जाती
के
कारण
उसे गुरुद्रोण
के
विधालय
में
प्रवेश
नहीं
मिला
तब
उसने
गुरुद्रोण
की
मूर्ती
बना
कर
स्वयं
अभ्यास करने का आरम्भ कर लिया
और
कुछ
वषों
में वो धनुर्विधा
में
कार्गत
हो
गया|
उधर
द्रोण
अर्जुन
को
सर्वसेठ धनुधर
बनाने
का
वचन
दे
चुके
थे
इसीलिये
जब
उन्होंने
देखा
की
एकलव्य
की
धनुर्विधा असाधारण
है।तो
अर्जुन
के
मोह
में
उन्होंने
उससे
उसके
दाहिने
हाथ
का
अंगूठा
मांग
लिया।
धनुर्विधा में
अंगूठे
के
अबसे
अथिक
मह्त्व
होता
है
इसी कारण
अँगूठा
कटने
के
बाद
एकलव्य
की
योग्यता
पहले
जैसी
नही
रही|
उसके
बाद
भी
एकलव्य
ने
अपनी
अभ्यास
जारी
रखा
और
4 अंगुलीयो
से
भी
बाण
चलाने
में
सक्साम
हो
गया।
वो
मगधराज
जरासंध
की
सेना
में
भर्ती
हो
गया
और
अंतत:
श्रीकृष्ण
और
बलराम
के
साथ
युध
करते
हुए
श्रीकृष्ण
के
हाथों
मारा
गया।
प्राचीन
काल
जैसे-
महाभारत,रामायण
से
जुड़ी
रोचक
जानकारी
पढने
के
लिये
हमे
फोलो
करें
दोस्तो
मुजे
यकिन
है
कि
veer-eklavya के बारेमे जानके आपको
पसंद आयि
होगि
।
यह
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life films आपको
कोइ
सुधार
करने
योगियाता
लग्ता
है
तो
हमे
कोम्मेंत
करके
बाताये
और आपको
कहनिया
Stories
लिखने का पसंद
हो
तो
हमे
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कर
सकते
हो|